प्राचार्य का सन्देश
आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती यह कि हम युवा मेधाओँ को कैसे प्रज्वलित करें और उन्हें राष्ट्र के निर्माण की प्रक्रिया में कैसे भागीदार बनाएं ? मैं ऐसा मानता हूँ कि हम में से प्रत्येक को अपनी क्षमताओं का पूर्णतम विकास करना चाहिए | मानवता के प्रति सच्ची सेवा यही की हमारी रचना के अंतर्गत जो कुछ सर्वोत्तम है उसको हम समर्पित करें | आज उच्चशिक्षा को समाज और रोजगार के लिए और अधिक प्रासंगिक बनाने की आवश्यकता है |
मैं महाविद्यालय में सभी सदस्यों का आह्वान करता करता हूँ कि वे सभी प्रकार के पूर्वाग्रहों, मताग्रहों एवं दुराग्रहों से ऊपर उठकर अपनी अधिकतम क्षमता से पूरी जीवन्तता के साथ काम करें और एक समृद्ध, सुदृढ, सुरक्षित, आत्मनिर्भर एवं ज्ञानवान भारत के निर्माण में यथाशक्ति अपना पूर्ण योगदान दें | मैं महाविद्यालय परिवार की और से समस्त रचनाकारो एवं सम्पादक मण्डल के सभी सदस्यों के साथ-साथ समस्त छात्र-छात्राओं, शिक्षको एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों, जिनके सम्निवत प्रयास से इस वेबसाइट को बनाया गया है |
मैं हार्दिक बधाई व शुभकामनाये देता हूँ |